विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दो सप्ताह की गिरावट थमी, सोने के भरोसे!

Foreign Exchange Reserves

Foreign Exchange Reserves

Foreign Exchange Reserves: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के लेटेस्ट 'वीकली स्टैटिस्टिकल सप्लीमेंट' डेटा के अनुसार, 5 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है, जिसमें 1.033 बिलियन डॉलर और जुड़े. इसी के साथ अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 687.260 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. ऐसा खासकर सोने का भंडार बढ़ने की वजह से हुआ है.

पिछले कुछ हफ्तों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी गई, लेकिन बावजूद इसके देश का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2024 में पहुंचे अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 704.89 बिलियन डॉलर के करीब बना हुआ है.

FCA में आई गिरावट 

5 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में देश के फॉरेन करेंसी एसेट्स में गिरावट दर्ज की गई, जो 151 मिलियन डॉलर कम होकर अब  556.880 बिलियन डॉलर रह गई है. FCA किसी भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा और अहम हिस्सा होता है. इसमें अमेरिकी डॉलर के अलावा, यूरो, ब्रिटिश पाउंड और जापानी येन जैसी करेंसीज शामिल होती हैं.

इसके अलावा, इसमें विदेशी सरकारी बॉन्ड, ट्रेजरी बिल और विदेशी बैंकों में जमा रकम का भी हिस्सा होता है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल दूसरे देशों से व्यापार के दौरान भुगतान करने, अपने देश की करेंसी को स्थिर रखने और आर्थिक संकट के समय में सुरक्षा कवच के तौर पर होता है. डेटा के मुताबिक, 2025 में अब तक फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में लगभग 47-48 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. 

अभी कितना है गोल्ड रिजर्व?

RBI की डेटा से पता चला है कि सोने का भंडार फिलहाल 106.984 बिलियन डॉलर है, जो पिछले हफ्ते से 1.033 बिलियन डॉलर ज्यादा है. सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने की कीमत पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ी है. वैश्विक अनिश्चितताओं और निवेश के लिए मजबूत मांग के कारण इसमें इजाफा हुआ है.

हाल ही में हुई RBI की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में रिजर्व बैंक ने कहा था कि  देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने से ज्यादा के माल आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है. कुल मिलाकर, भारत का बाहरी क्षेत्र मजबूत बना हुआ है, और RBI को भरोसा है कि वह बाहरी वित्तपोषण जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकता है.